मां का प्यार
(Inspirational Story In Hindi)
शहर में राहुल नाम का लड़का अपनी माँ के साथ रहता था राहुल बहुत ही समझदार और लिखने पढ़ने में तेज था और हमेशा अपनी माँ का कहना मानता था राहुल की माँ बहुत ही अच्छे अच्छे पकवान बनाती थी राहुल को पकवान खाना बहुत पसंद था ।
एक दिन राहुल की माँ को किसी काम से बाजार जाना था तो राहुल की माँ ने राहुल के लिए बहुत ही बढ़िया-बढ़िया लड्डू बनाये और उन लड्डूओं को एक चीनी के जार में रख दिया और बाजार जाते वक़्त राहुल से बोला कि तुम अपना स्कूल का होमवर्क पूरा करके ही उन लड्डूओं को खा सकते हो।
जैसे कि राहुल अपनी माँ की हर एक बात मानता था तो राहुल ने सोचा कि वो अपना होमवर्क करके ही उन लड्डूओं को खायेगा।
फिर राहुल ने अपना होमवर्क पूरा किया और लड्डू खाने का सोचा। क्योंकि जार थोड़ी ऊंचाई पर रखा था तो राहुल ने स्टूल पर चढ़कर जार के अंदर हाथ डाला।
राहुल को पकवान खाना बहुत पसंद था तो उसने एक साथ ढेर सारे लड्डू निकालने की कोशिश की परन्तु जार का मुह छोटा था तो राहुल का हाथ जार में फस गया।
तभी अचानक राहुल की माँ अचानक बाजार से वापस आयी तो देखा कि राहुल का हाथ जार में फ़सा हुआ था और हसने लगी और बोली-
"बेटा राहुल सारे लड्डू छोड़कर केवल 1 या 2 लड्डू बाहर निकाओ।"
राहुल ने अपनी माँ की बात मानी और जब जार से 2 लड्डू निकाले तो राहुल ने जार से अपना हाथ आसानी से बाहर निकाल लिया।
फिर राहुल की माँ राहुल से प्यार से बोलती है कि ऐसा करने से आज तुमने क्या सीखा?
राहुल ने कहा- माँ किसी भी चीज का ज्यादा लालच करना अच्छी बात नहीं है हमें किसी भी वस्तु को लेते वक़्त एक बात का याद रखना चाहिए कि हमें उस वस्तु की कितनी आवश्कता है और हमें कभी भी लालच नहीं करना चाहिए। हम जब लालच की वजह से आवश्कता से अधिक के पीछे भागते हैं तो हमें नुकसान उठाना पड़ता है।
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