पौना ब्रजवासी मणिपुर साम्राज्य की सेना के मेजर थे। वे मणिपुरी मार्शल आर्ट और तलवारबाजी में माहिर खिलाड़ी थे। उन्हें 1891 में हुए अंग्रेजों के साथ हुए एंग्लो मणिपुर युद्ध के लिए सदैव याद किया जाएगा।
पौना ब्रजवासी
(Paona Brajabasi)
जब अंग्रेजों ने मणिपुर को हथियाने के लिए हमला कर दिया था तो पौना ब्रजवासी को अंग्रेजों से लड़ने के लिए भेजा गया था।
बहुत कम हथियारों के साथ पौना ब्रजवासी बहुत ही वीरता से लड़े थे।
जब वे निहत्थे हो गए थे तो एक अंग्रेजी ऑफिसर ने उन्हें अपने साथ आने का ऑफर दिया था पर पौना ब्रजवासी ने देशद्रोह करने से अच्छा अपना सिर काटने की पेशकश कर दी थी…
वह ये जानते थे कि अंग्रेजों की बहुत बड़ी सेना के सामने वो ज्यादा देर नहीं टिक पाएंगे लेकिन फिर भी पौना ब्रजवासी इस युद्ध में अपनी आखिरी सांस तक लड़ते रहे और शहीद हो गए।
भले ही मणिपुर इसके बाद अंग्रेजी शासन के अधीन हो गया हो लेकिन पौना ब्रजवासी के देशभक्ति के जज्बे को हम भारतीय लोग कभी भी नहीं भूला पाएंगे। पौना ब्रजवासी सदैव अमर रहेंगे।
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