हर वस्तु का मूल्य और उपयोग होता है | Short Moral Story In Hindi

हर वस्तु का मूल्य और उपयोग होता है | Short Moral Story In Hindi

गौतम बुद्ध की बहुत ही रोचक बोध कथा आपको बहुत कुछ जीवन उपयोगी बातें सीखाती हैं। उन बेहतरीन बोध कथा (bodh katha) में से एक है ये बेहतरीन Chhoti si kahani आइए पढ़ते हैं Hindi Moral Story


हर वस्तु का मूल्य और उपयोग होता है
(Short Moral Story In Hindi)


गौतम बुद्ध हर दिन की तरह अपने आश्रम में अपने भक्त जनों को प्रवचन दे रहे थे। प्रवचन खत्म होने के बाद एक भक्त उनके पास आकर हाथ जोड़कर बोला प्रभु! मुझे आपसे कुछ निवेदन करना है।


गौतम बुद्ध बोले कहो वत्स तुम्हें क्या कहना है??


भक्त ने कहा प्रभु मेरे कपड़े काफी पुराने हो चुके है इनकी हालत बहुत खराब हो चुकी है अब ये पहनने लायक नहीं रह गए हैं। कृपा करके आप मुझे नए कपड़े दिलवाने की कृपा करें।


बुद्ध ने उसकी तरफ देखा और आभास किया कि उसके कपड़े वाकई बहुत खराब हो चुके थे। फिर क्या था बुद्ध ने उसके लिए नए कपड़े लाने का आदेश दिया...


वो भक्त नए कपड़े लेकर आश्रम से चला गया। कुछ दिन बीतने के बाद बुद्ध ने उस भक्त से पूछा कि भई नए कपड़े पहनने के बाद तुम आरामदायक तो महसूस कर रहे हो ना। तुम्हें और किसी चीज की जरुरत तो नहीं है न अब। अगर है तो बता दो!!!.....


भक्त ने प्रभु को धन्यवाद कहते हुए कहा कि नहीं प्रभु अब मुझे किसी चीज की जरुरत नहीं है।


ये सुनकर बुद्ध ने उससे पूछा कि तुमने पुराने कपड़ों का क्या करा???


भक्त ने कहा - मैं उस पुराने कपड़े का इस्तेमाल ओढ़नी के रुप में कर रहा हूं।


बुद्ध - तो फिर तुमने पुराने वाली ओढ़नी का क्या करा???


भक्त - वो घर के पर्दे घिस चुके थे इसलिए उसे मैंने पर्दे के रुप में खिड़की पर टांग दिया।


बुद्ध - अच्छा…फिर तो तुमने पुराने पर्दे को फेंक दिया होगा????


भक्त - मैं तो उस पुराने पर्दे से पोछा लगा लेता हूं।


बुद्ध - तो फिर तुमने पुराने पोछे का क्या करा???


भक्त - प्रभु वो तो एक दम तार तार हो चुका था अब किसी इस्तेमाल का भी नहीं रह गया था लेकिन मैंने उसके धागों को इक्ट्ठा करके बत्तियां तैयार कर ली और उन्हीं बत्तियों से तो मैं आपके कमरे में प्रकाश करता हूं।


बुद्ध भक्त से बहुत खुश हुए। बुद्ध को अपने भक्त की समझदारी बहुत अच्छी लगी...


बुद्ध ये सोचकर बहुत खुश हुए कि चलो भक्त मैं इतनी समझ है कि कोई वस्तु बेकार नहीं होती, बस हमें उस वस्तु का इस्तेमाल करना आना चाहिए।


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