संकेत सरगर की जीवनी : भारत को पहला मेडल दिलाने वाले खिलाड़ी | Sanket Sargar Biography In Hindi

संकेत सरगर की जीवनी : भारत को पहला मेडल दिलाने वाले खिलाड़ी | Sanket Sargar Biography In Hindi

संकेत सरगर एक भारतीय भारोत्तोलक है जो भारत को 2022 में बर्मिंघम के कॉमनवेल्थ गेम में पहला सिल्वर मेडल दिलाने में सफलता प्राप्त की


इन्होंने 55 किलोग्राम वर्ग के प्रतियोगिता में कुल 248 किलोग्राम का वजन उठाया और सिल्वर मेडल हासिल किया


संकेत सरगर की जीवनी | Sanket Sargar Biography In Hindi


संकेत सरगर सिल्वर मेडल हासिल करने में कामयाब तो हो गए लेकिन प्रैक्टिस के दौरान यह खुद को चोटिल कर लिए जिसके वजह से ये अभी कुछ दिनों के लिए इस प्रतियोगिता से बाहर हो गए हैं।


संकेत सरगर का जन्म नागपुर महाराष्ट्र में 16 अक्टूबर 2000 को हुआ था।


संकेत सरगर के पिता का नाम महादेव सरगर है और संकेत सरगर ने एक बहुत गरीब परिवार में जन्म लिया था। 


संकेत सरगर का जन्म नागपुर के गांव में हुआ था लेकिन इनके जन्म होने के कुछ दिन बाद इनके पिता अपने पूरे परिवार को लेकर सांगली में आना पड़ा।


सांगली में इनके पिता आ तो गए लेकिन इनके परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर होने के चलते

वह एक ठेले पर फल बेचा करते थे।

👉ब्लॉगिंग में करियर | Career Scope In Hindi Blogging


संकेत सरगर की शिक्षा कोल्हापुर के शिवाजी यूनिवर्सिटी से हुई थी।


वह इतिहास के छात्र थे और इन्हें इतिहास के विषय को पढ़ने में काफी मन लगता था।


सबसे पहली बार इन्होंने भारोत्तोलक प्रतियोगिता में उस समय भाग लिया था जब ये नौवीं कक्षा में थे और संकेत ब्रॉन्ज मेडल जीतने में कामयाब हुए थे।


संकेत अपने एक इंटरव्यू के दौरान इस बात की जिक्र करते हुए बताते हैं कि अगर मैं थोड़ा सा और मेहनत कर लेता तो शायद उस समय मुझे गोल्ड मेडल मिल सकता था....


संकेत सरगर निजी जानकारी | Sanket Sargar Biography In Hindi 


नाम

संकेत सरगर

पिता का नाम 

महादेव सरगर

माता का नाम

ज्ञात नहीं है

जन्मतिथि

16 अक्टूबर 2000

जन्म स्थान

संगाली नागपुर



संकेत सरगर का कैरियर | Sanket Sargar Career


संकेत अपने एक इंटरव्यू में बताते हैं कि जब उन्होंने गुरुराजा को भारत के लिए गोल्ड मेडल जीतते हुए देखा तो उनका सपना भी हुआ कि वह गोल्ड मेडल जीते और तभी से वह भारोत्तोलक की प्रैक्टिस शुरू कर दिए और भारोत्तोलक प्रतियोगिता(Weight Lifting Competition) में आगे बढ़ने का सपना देखने लगे।

👉17 ब्लॉगिंग टिप्स हिंदी में | 17 Blogging Tips In Hindi

संकेत कहते हैं कि उनका रुचि खेल में थी। वह खेल के प्रति जागरूक थे और खेल में ही अपना करियर बनाना चाहते थे लेकिन उनका जन्म एक गांव में हुआ था...


और; साथ ही एक गांव के बहुत ही गरीब परिवार में हुआ था जिसके चलते उनकी प्राथमिकता थी कि वह किसी भी तरह अपने परिवार का गुजारा करें।


लेकिन, उनके पिता महादेव सरगर को यह मंजूर नहीं था कि उनका बेटा भी सिर्फ और सिर्फ जीविकोपार्जन में ही लगा रहे।


उनका मन था कि उनका बेटा नाम कमाए और इसलिए उन्होंने अपने बेटे को खेल के प्रति जागरूक किया और उन्होंने कहा कि मेरा सपना है कि बेटा तुम भारोत्तोलक में भारत के लिए गोल्ड मेडल जीतो और तभी से संकेत ने भारोत्तोलक की प्रैक्टिस शुरू कर दी।


इसके बाद संकेत की तैयारी करवाने के लिए इनके पिता ने अपनी दुकान के पास स्थित एक ट्रेनिंग सेंटर में डाल दिया।


संकेत वहां पर प्रैक्टिस करना शुरू किए और उनके स्वभाव से और इनके काबिलियत से इनके कोच प्रसन्न हुए और उन्होंने लगातार उन्हें मोटिवेट किया और इनको प्रैक्टिस कराते रहे।

👉Youtube से पैसा कैसे कमाते हैं | How To Earn Money Through YouTube

इन्होंने अपनी पहली प्रतियोगिता में जिसका नाम महाराष्ट्र जूनियर भारोत्तोलक चैंपियनशिप था, में इन्होंने 49 किलोग्राम की वर्ग में 194 किलो भार उठाकर स्वर्ण पदक जीता।


इसके बाद लगातार संकेत हर प्रतियोगिता में अपना अच्छा प्रदर्शन दिखाते रहें और आगे बढ़ते रहे। 


वर्ष 2021 में हुई कॉमनवेल्थ वेट लिफ्टिंग चैंपियनशिप में इन्होंने अपना अच्छा प्रदर्शन जारी रखा और गोल्ड मेडल जीता। इन्होंने यह गोल्ड मेडल 55 किलोग्राम वर्ग में जीता था।


इन्होंने इस प्रतियोगिता में 55 किलो ग्राम वर्ग में 256 किलोग्राम भार उठाकर इस प्रतियोगिता में भारत को गोल्ड मेडल दिलाया था।

👉रैपिडो से पैसा कैसे कमाते हैं | Rapido Se Paise Kaise Kamate Hai

इनके नाम यह रिकॉर्ड दर्ज है इन से पहले या फिर अभी तक कोई भी 55 किलोग्राम वर्ग में 256 किलो का भार नहीं उठा पाया है। 


इसके बाद 2022 में बर्मिंघम में होने वाले राष्ट्रमंडल प्रतियोगिता में इन्होंने 248 किलो का कुल भार उठाया जिसके चलते उन्हें रजत पदक से नवाजा गया। 


Read Also :


👉आईएएस पूज्य प्रियदर्शिनी | लगातर 3 बार फेल होने के बाद भी हार नहीं मानी


👉आईएएस संजीता महापात्रा | 4 बार फेल हुई लेकिन फिर भी हार नहीं मानी


Post a Comment

0 Comments