मैं बहरा था, बहरा हूं, और बहरा रहूंगा | Moral Story For Student

मैं बहरा था, बहरा हूं, और बहरा रहूंगा | Moral Story For Student

इस दुनिया की सबसे खास बात यह है कि ये दुनिया बुराई पर ज्यादा ध्यान देती है, अगर आप अच्छा काम करेंगे और उसमें कुछ गलती हो जाए तो लोग उस पर सबसे ज्यादा ध्यान देते हैं, इसलिए इंसान को ऐसे में बहरा बनना ही उचित रहता है। आइए पढ़ते हैं ये बेहतरीन moral story in hindi :



मैं बहरा था बहरा हूं और बहरा रहूंगा
(Moral Story In Hindi For Kids)


एक समय की बात है एक गांव के बीच में एक बहुत ऊंचा पहाड़ था जो पूरी तरह से सीधा था।


उसे देखकर ऐसा लगता था कि मानो उस पर चढ़ना असंभव हो।


गांव के हर व्यक्ति को विश्वास था कि एक सीधे पहाड़ पर कोई नहीं चढ़ सकता।


इस वजह से कुछ लोगों ने एक प्रतियोगिता का आयोजन किया जिसमें आसपास के सभी गांव और शहरों से लोगों को बुलाया गया। 


इस प्रतियोगिता में सभी प्रतियोगियों से कहा गया कि अगर वह इस सीधे पहाड़ पर चढ़ जाते है तो उन्हें विजेता माना जायेगा और इनाम दिया जाएगा।


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मगर वहां जितनी भी भीड़ थी सब नारा लगा रहे थे कि यह काम असंभव है। 


हर प्रतियोगी पूरे उत्साह के साथ उस पहाड़ पर चढ़ने की कोशिश कर रहा था।


प्रतियोगी जितनी उत्साह से उस पहाड़ पर चढ़ने की कोशिश करते उसके दुगने उत्साह से वहां मौजूद सभी लोग जोर-जोर से चिल्लाते कि यह काम असंभव है और इसे कोई नहीं कर सकता आखिर सीधे पहाड़ पर कोई कैसे चढ़ सकता है।


हर प्रतियोगी कुछ दूर जाता और गिर जाता और कई बार कोशिश करने के बाद धीरे-धीरे हर प्रतियोगी का मनोबल टूटने लगा और वह वापस लौटने लगे। 


इसी प्रतियोगिता में एक व्यक्ति था जब सब लोग वापस लौट रहे थे तो वह वापस नहीं लौटा वह और अपने कार्य में लगा रहा।


वह भरपूर अभ्यास कर रहा था।


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वह ऊपर चढ़ता फिर गिरता फिर ऊपर चढ़ता फिर गिरता और लोग उसके ऊपर चिल्लाते कि वह अपना वक्त जाया कर रहा है।


कुछ देर मेहनत करने के बाद धीरे-धीरे वह व्यक्ति शिखर पर पहुंच गया और इस पहाड़ की चढ़ाई करने में सफल हुआ। 


सब उसकी मेहनत से बहुत खुश थे और उसे घेरकर पूछने लगे कि आखिर उसने इस असंभव कार्य को कैसे संभव किया उसके मन में ऐसा क्या चल रहा था जो वह सीधे पहाड़ पर चढ़ गया।


वह व्यक्ति बस हर किसी को घूरे जा रहा था और कोई जवाब नहीं दे रहा था तभी पीछे से एक आवाज आई कि – "इससे क्या पूछते हो यह तो बहरा है।"


उस व्यक्ति को इशारे की मदद से जब यह बात समझाई गई तो उसने कहा कि मैं हर नकारात्मक बात के लिए बहरा था, बहरा हूं, और बहरा ही रहूंगा। 


सीख

(Moral Of The Story)


इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि हमें लोगों की नकारात्मक बातों पर ध्यान नहीं देना चाहिए। अगर हम स्वयं पर विश्वास करते हैं तो हमें अपने कार्य की ओर ध्यान निष्ठा से लगे रहना चाहिए।


चाहे लोग कुछ भी कह रहे हो, अगर आप अपने काम को ध्यानपूर्वक करते रहेंगे और किसी की नकारात्मक बात पर ध्यान नहीं देंगे तो आपकी सफलता निश्चित है। 


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