आत्मविश्वास एक मजबूत डोर है | Motivational Story For Students

आत्मविश्वास एक मजबूत डोर है | Motivational Story For Students

आत्मविश्वास ही एक ऐसी कुंजी है जो आपकी 60% दिक्कत को अमूमन solve कर देती है। अपने आत्मविश्वास को हमें सदैव ऊंचा रखने का प्रयास करना चाहिए। आइए पढ़ते हैं ये बेहतरीन रोचक moral story in hindi for students :




 आत्मविश्वास एक मजबूत डोर है  

(Motivational Story For Student)


एक बार टीचर ने बच्चों को क्लास में पढ़ाई कराने की जगह कुछ नया व्यवाहिरक ज्ञान की बात बतानी चाही।


उन्होंने चॉक उठाई और ब्लैकबोर्ड पर लिखना शुरू कर दिया।


लेकिन शुरू की लाइन में ही उन्होंने कुछ गलतियाँ कर दी और उसे देखकर बच्चें हंसने लगे।


अध्यापक जी ने मुस्कुराते हुआ कहा कि मैंने ये गलती जान बूझकर की ताकि मैं तुम लोगो को एक ज्ञान की बात बता सकूं।  


लक्ष्य


अपनी गलती को उन्होंने ब्लैकबोर्ड पर सही किया और बच्चों से कहा कि देखो तुमने मेरी एक गलती को देख लिया।


और, मुझपर हंसने लगे लेकिन मैंने जितना सही कार्य किया उसकी तुम लोगो ने तारीफ़ नहीं की। 


अगर तुम लोग अपना काम सही से करोगे तो कोई भी तारीफ नहीं करेगा, लेकिन जब तुम कोई गलती करोगे तो सभी लोग उस बात का मजाक बनाने लग जाएंगे और तुम्हारे मनोबल को कमजोर करेंगे


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आज के समय में हर किसी की गलती को लोग तुरंत देख लेते हैं और उसका मजाक भी तुरंत बना देते हैं।


किसी को भी इन बातों से अपना मनोबल नहीं खोना चाहिए क्योंकि आज के समय में लोग बुराई पर ज्यादा ध्यान देते हैं।   


दूसरे की अच्छाई करने में किसी को ख़ुशी नहीं होती जितनी ख़ुशी उसकी बुराई देखने में होती है।


हमेशा अपने आत्मविश्वास को बनाकर कार्य करना चाहिए।


लोगों को आज के समय में किसी का भला सुनने से ज्यादा ख़ुशी बुराई करने और सुनने में आती है। 

कितनी ही कहानी और किस्से लोग बैठकर बनाते रहते हैं जिनमें दूसरों का मजाक और बुराई शामिल होती है। 

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ऐसे ही एक बार की बात है कुछ लोग बैठकर किसी के बारे में चर्चा कर रहे थे। 


उनमें से एक आदमी ने कहा कि समीर की जॉब लग गयी है और उसकी सैलरी भी लगभग 50 हज़ार महीना है। उसकी कपनी बहुत ही बड़ी है।


इतना सुनते ही दूसरे आदमी ने तुरंत कहा अरे नहीं वो झूठ बोल रहा है, इतनी जल्दी बड़ी कंपनी में जॉब नहीं लगती है। 


अभी वो घर में ही है। तभी एक और आदमी ने कहा नहीं मैंने तो उसे देखा था। 


उसकी सैलरी इतनी ज्यादा होती तो उसके पास आने जाने का साधन तो होता लेकिन उसको मैंने एक ऑटो से आते देखा था। 


इस तरह किसी को भी ये विश्वास नहीं हुआ कि समीर जॉब पर है या नहीं। 


लेकिन, बुराई में यकीन हो जाता है। ठीक इसी तरह जब किसी की नौकरी चली गयी।


और, उस पर बातें बनाई गई तो लगभग सभी को विश्वास हो गया था कि उसकी जॉब अब नहीं है या वो उस जॉब के लायक ही नहीं था या उसे कुछ आता ही नहीं था तो जॉब चली गयी।  


इन सभी बातो को सभी ने आसानी से विश्वास कर लिया था क्योंकि इस बात में और कोई तर्क था ही नहीं सिर्फ बुराई ही बुराई थी। 


इस तरह अध्यापक ने आज के सबक में बच्चों को दूसरों की प्रशंसा करना और अपने आत्मविश्वास को हमेशा बनाये रखने की सलाह दी। 

 

सीख

(Moral Of The Story)


कही और सुनी बातों पर ध्यान नहीं देना चाहिए।  अपने कर्तव्यों का पालन करना चाहिए और अपने मनोबल और आत्मविश्वास में सम्बन्ध बनाए रखना चाहिए। लोगो के मजाक बनाने पर ध्यान नहीं देना चाहिए।  


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