लॉटरी का विजेता | Hindi Moral Story

लॉटरी का विजेता | Hindi Moral Story

हमारे जीवन में कहानियों का एक खासा महत्त्व है। कहानियां हमें प्रेरित तो करती ही है साथ ही हमें बहुत कुछ पॉजिटिव भी सीखाती है। आइए पढ़ते हैं ये बेहतरीन रोचक moral story in hindi :



लॉटरी का विजेता

(Moral Story In Hindi)


एक बार की बात है जिसने सभी की आंखे नम करदी और विवश कर दिया कि ईश्वर हरेक रूप में सभी के दिलो में बसता है।


एक ऑफिस के स्थापना दिवस पर कई तरह के आयोजन हुए और उन्हीं आयोजनों में से एक लॉटरी का आयोजन भी हुआ। 

 

इस लॉटरी के लिए सभी कर्मचारियों को 100 रूपये का भुगतान करना होता था।  


उस कंपनी में कुल 300 से ज्यादा लोग काम करते थे और प्रत्येक को 100 रूपये जमा करने होते थे फिर उस ड्रा के लिए सभी का नाम पर्ची में लिखकर ड्रा बॉक्स में डालना होता था। 


जब बॉक्स से एक पर्ची निकाली जाती थी और उस पर जिसका नाम होता था, वह सारी रकम उसको दे दी जाती थी। 


इस तरह ये एक बहुत ही बढ़िया तरीका था अपने कर्मचारियों को प्रसन्न रखने का और इस कारण सभी कर्मचारी इस कम्पनी में बहुत समय से जुड़े हुए थे। ये लॉटरी का ड्रा सभी को अच्छा लगता था।  


हो सकता है


बात ऐसे ही एक दिन की है जब कि कंपनी का स्थापना दिवस आने वाला था और सभी कर्मचारियों को 100 रूपये अपनी तरफ से देने थे और सभी की तरह मुकेश ने भी 100 का भुगतान कर दिया और आने वाले ड्रा की तारीख को सोचने लगा।


तभी मुकेश के कान में कुछ बातें सुनाई दी जो कि उस कंपनी में सफाई करने वाली महिला की थी। 


वो बहुत ही दुखी थी कयोंकि उसका बेटा बहुत बीमार था और उसका ऑपेरशन होना था लेकिन उस महिला के पास इतने रुपए नहीं थे कि उसका इलाज करा सके। 


ये सब बातें मुकेश के दिल को दुखी कर गयी और उसने  सोचा क्यों न इस बार इस महिला का नाम लिखकर ड्रा बॉक्स में डाल दूं और अगर ऊपर वाला चाहेगा तो इसका नाम आ जायेगा। 


कम्पनी में बहुत लोग काम करते थे तो जीतने के चान्सेस बहुत कम थे लेकिन एक प्रयास किसी को एक जिंदगी दिला सकता है यही सोचकर मुकेश ने निश्चय कर लिया था। 


कम्पनी के स्थापना दिवस वाले दिन सभी लोग हॉल में जमा होने लगे।


जहाँ उस लॉटरी का ड्रा होने वाला था। 


उसी बीच सभी को एक नाम लिखने के लिए कहा गया और वो बॉक्स के अंदर डालना था। 


पहले तो मुकेश थोड़ा झिझका लेकिन फिर उसने हिम्मत करके उस महिला का नाम अपनी पर्ची में लिख दिया और अपने ईश्वर से उसके लिए प्रार्थना करने लगा कि वह महिला जीत जाए।


ड्रा बॉक्स को जोर से हिलाया गया और फिर उसमें से एक पर्ची बॉक्स से निकाली तो उस पर उसी महिला का नाम लिखा था। 


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वो महिला अपना इनाम लेने आयी और उसकी आँखे आँसू से भर आई।


मुकेश ये सोचने लगा कि आज तो चमत्कार हो गया।


अब उस महिला का बेटा ठीक हो जायेगा और ये सोचते हुए उसने उस पर्ची को उठाया तो उस पर महिला का नाम था लेकिन ये लिखावट उसकी नहीं थी। 


मुकेश ने दूसरी पर्ची निकाली और उसमें नाम देखा तो उसमें भी उसी महिला का नाम था।


और, ड्रा बॉक्स के अन्दर सभी पर्ची पर उसी महिला का नाम था। 


मुकेश को आश्चर्य हुआ कि सभी पर्ची पर लिखावट में अंतर था लेकिन सबके नाम एक थे। 


मुकेश को तुंरत ही ये समझ में आ गया कि ईश्वर तो हमारे अंदर है और सभी लोगो ने ये प्रयास किया कि उस महिला को वो पैसे मिले और सबका प्रयास सार्थक हुआ। 


सबने एक दूसरे की तरफ देखा और सभी को अपने तरफ से ये बधाई दी कि आज एक मतलबी दुनिया की लाटरी में इंसानियत की जीत हुई है। 


हम सब अब बहुत खुश थे और सभी को आज चैन की नींद आनी थी। 


सही मायने में हमारे लिए यह एक चमत्कार से कम नहीं था जहाँ हर एक दिल से ईश्वर ने आवाज दी थी। 


सीख

(Moral Of The Story)


दिल से किये जाने वाले प्रयास कभी विफल नहीं होते। सही नियत और विश्वास आपको सही दिशा दिखाती है और आपके द्वारा किया गया कार्य सफल होता है।  


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