समय का सदुपयोग | Moral Story In Hindi

समय का सदुपयोग | Moral Story In Hindi

  • हिंदी प्रेरणादाई कहानी का हमारे जीवन में विशेष महत्व है। बीता समय कभी जीवन में वापिस नहीं आता। जो समय का जीवन में बेहतर उपयोग करता है वो कभी भी जिंदगी में नहीं हारता। आइए पढ़ते हैं ये बेहतरीन रोचक प्रेरक कहानी इन हिंदी

समय का सदुपयोग | Moral Story In Hindi



रामू के परिवार में उसकी पत्नी और दो बेटे थे।


उसकी पत्नी अपने परिवार का गुजर-बसर करने के लिए दूसरों के घर में काम किया करती थी।


रामू को इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता था वह पूरा दिन मस्ती करता था।


कभी शराब पीता तो कहीं पत्ते खेलते नजर आता था।


पूरे दिन हंसी, ठिठोली और जुए में अपना समय बर्बाद करता था।


और रात को दारु पीकर आता था और अपनी पत्नी के साथ लड़ाई झगड़ा करता था। 


इस व्यक्ति से गांव का हर बंदा परेशान था।


उसकी पत्नी की हालत देखकर हर कोई उसे सलाह देता था कि तुम उसकी मेहनत से कमाए हुए पैसे को क्यों बर्बाद करते हो?


मौका मत छोड़ो


खुद भी कुछ काम किया करो।


मगर रामू किसी की नहीं सुनता था और पूरा समय केवल हंसी, ठिठोली और जुएं में ही बर्बाद करता था। 


ऐसा ही करते करते कई दिन बीत गए....


रामू की पत्नी रोजाना अलग-अलग घरों में जाकर काम करती थी और रात को पैसे लेकर आती थी।


एक बार पूरे समाज में एक भयानक बीमारी फैल गई जिसे हम कोरोना वायरस के नाम से जानते हैं।


इस वायरस की चपेट में आने वाला व्यक्ति बड़ी जल्दी मर जाता था इस वजह से सरकार ने पूरे देश में लॉकडाउन लगा दिया।


लॉकडाउन लगने की वजह से लोगों का एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाना बंद कर दिया गया और घर से भी बाहर निकलना भी बंद हो गया।


जिस वजह से उसकी पत्नी किसी के घर में जाकर काम नहीं कर पा रही थी।


हर कोई उसे अपने घर आने से मना कर देता था क्योंकि घूमने और लोगों के संपर्क में आने से ये वायरस ज्यादा फैलता था।


सच बोलने की हिम्मत


कुछ दिन ऐसा चला... जिस वजह से उसकी पत्नी कहीं जाकर काम नहीं कर पाई।


और, धीरे-धीरे उसके घर का सभी अनाज भी खत्म हो गया।


और अब घर में खाने के लिए भी कुछ नहीं था। इस वजह से उसका बेटा बीमार पड़ गया।


रामू ने देखा कि उसका बेटा बीमार है और उसके इलाज के लिए और खाना खाने के लिए घर में पैसे नहीं है तो उसकी आंखें खुल गई।


और, वह अब कुछ काम करके पैसा कमाना चाहता था.....


मगर लॉकडाउन की वजह से यह संभव नहीं था। 


जब रामू को कोई काम नहीं मिला तो वह गांव के सभी लोगों के पास पैसा मांगने गया।


आलसी भाई


मगर सबका कहना था कि जब काम करने का वक्त था तब तो तुम इधर उधर घूमते थे और अब जब लॉकडाउन में किसी के पास पैसा नहीं है तो तुम पैसा मांगने आए हो।


यह कहकर हर कोई उसे अपने दरवाजे से फेर देता था।


कुछ समय के बाद....


उसकी पत्नी ने कहीं से कुछ पैसों का जुगाड़ किया और उसके बाद वो अपने बेटे को अस्पताल लेकर गए।


मगर अस्पताल पहुंचते ही डॉक्टर ने बताया कि अगर वे 10 या 15 घंटे पहले आते तो उनके बच्चे को बचाया जा सकता था।

लेकिन अब बच्चे को बचा पाना असंभव है...


और उसका बच्चा मर गया।


इस दर्दनाक घटना ने रामू की आंखें खोल दी।


अब रामू अपनी करनी पर पछताने लगता है....


सीख 

(Moral Of The Story)


कहानी से हमें सीख मिलती है कि हमें हमेशा अपना काम समय पर करना चाहिए जो व्यक्ति समय के साथ नहीं चलता उसे बाद में पछताना पड़ता है। 


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