ईमानदारी महान गुण है | Short Story In Hindi

ईमानदारी महान गुण है | Short Story In Hindi

हिंदी की प्रेरक कहनियों का हमारे जीवन में विशेष महत्त्व है। कहनियां हमें जीवन में बहुत कुछ सीखाती है। आइए पढ़ते हैं एक रोचक प्रेरक कहानी


ईमानदारी महान गुण है

(Short Moral Story For Kids) 


यह कहानी आज से लगभग 60 70 साल पुरानी है। एक नदी थी जिस नदी को पार करके रोजाना कई लोग आते जाते थे।


उसी में एक लड़का भी था जो कि नाव से रोज पढ़ने आता था और फिर उसी नाव से रोज पढ़कर वापस जाता था।


एक दिन की बात है नाव नदी किनारे खड़ी थी और अब नाव खुलने ही वाली थी क्योंकि अब नाव भरने में सिर्फ एक दो सवारी कम पड़ रही थी और एक या दो सवारी मिलते ही नाव भर जाती और नाव चलने ही वाली थी।


जो लड़का उस नाव से रोज पढ़ने आता जाता था वह लड़का भी उसी नदी किनारे खड़ा था लेकिन नाव पर चढ नहीं रहा था।


यह सब देखकर नाव के मल्लाह ने कहा कि बेटा तुम नीचे क्यों खड़े हो?


चलो! आज नहीं जाना है!


रोज तो जाते हो...


उस लड़के ने तुरंत मना कर दिया और बोला कि नहीं आज मैं आपकी नाव से नहीं जा सकता।


मल्लाह उससे ना जाने का कारण पूछने लगा और तब लड़के ने कहा कि जब आप नाव से मुझे उतारेंगे तो मेरे पास नाव से उतराई देने के लिए एक भी पैसे नहीं है इसलिए मैं आपकी नाव से नहीं जा सकता। 


यह बात सुनकर मल्लाह झट से बोला कि इसमें क्या बड़ी बात है रोज तो तुम मेरे ही नाव से आते जाते हो....


अगर आज पैसे नहीं हैं तो कोई बात नहीं कल तुम पैसे दे देना चलो तुम मेरे नाव से चलो मैं तुम्हें रामनगर छोड़ देता हूं।


लेकिन फिर भी वह लड़का नाव पर नहीं चढ़ा और वह बोला कि नहीं मैं आपकी नाव पर नहीं जा सकता आप चले जाइए।


इतना कहने के बाद उस लड़के ने अपने कॉपी किताब को अपने पीठ पर रखा और तुरंत नदी में छलांग मार दी।


यह देखकर वहां के सभी लोग हक्के बक्के रह गए और मल्लाह के मुंह से निकल पड़ा कि अजीब मनमौजी लड़का है कहने पर भी नहीं जा रहा है।


उस लड़के ने नदी पार की और गीले कपड़े में अपने घर चला गया। जब वह घर गया तो उसकी मां उसे गीले कपड़ों में देखकर चिंतित हुई और उससे पूछने लगी कि बेटा तुम्हारे कपड़े गीले कैसे हुए। 


तब उस बच्चे ने अपनी मां से कहा कि मां मेरे पास आने के लिए पैसे नहीं थे इसलिए मैं नदी पार करके आया हूं।


मैं उस गरीब मल्लाह से यह सारी बात कैसे बता सकता हूं क्योंकि वह तो खुद बेचारा गरीब है इसलिए मैं नदी पार करके आ गया।


यह सारी बात सुनकर मां बहुत खुश हुई और अपने बेटे के माथे को चुमते हुए कहा कि बेटा तुम दिल के बहुत बड़े हो इसलिए तुम देखना आगे बहुत ही बड़े आदमी बनोगे और तुम्हारी जय जय होगी।


हम आज जिस लड़के की बात कर रहे हैं वह लड़का और कोई नहीं बल्कि हमारे देश के प्रधानमंत्री रह चुके लाल बहादुर शास्त्री थे जिन्होंने अपने 18 महीने में ही भारत को प्रगति का रास्ता दिखाया था। 


सीख
(Moral Of The Story)


ईमानदारी, सच बोलना, संघर्ष करना, कोशिश करना, बड़ों का सम्मान करना ये ऐसे शब्द है जो हम किसी किताब में नहीं सीखते ये तो हम जिंदगी की किताब में सीखते हैं।



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