हिंदी की सर्वश्रेष्ठ 5 रोचक कहानियां | Top 5 Moral Story In Hindi

हिंदी की सर्वश्रेष्ठ 5 रोचक कहानियां | Top 5 Moral Story In Hindi

प्रेरक कहानियां आज भी उतनी ही लोकप्रिय है जितनी कि दादा, दादी, नाना और नानी के समय थी। प्रेरक कहानी से हमें अच्छी अच्छी बातें जो सीखने को मिलती है और दूसरा इन Prerak Kahani हमें एक अदभुत रोमांच भी मिलता है जो शायद ही किसी मूवी या कार्टून देखने में मिलता हो। आइए पढ़ते हैं Top 5 Moral Story In Hindi 

हिंदी की सर्वश्रेष्ठ 5 नैतिक कहानियां 

#1 बिल्ली और लोमड़ी

(Moral Story In Hindi For Class 4)


एक बार की बात है बिल्ली और लोमड़ी के बीच में शिकारी और बहुत ही खतरनाक भेड़ियों को लेकर बात हो रही थी।


लोमड़ी - भैया मुझे तो इन जंगली भेड़ियों से बहुत ही नफरत सी हो गई है!!!


मुझे भी इनसे बहुत नफरत है बिल्ली बोली…


बिल्ली - माना ये जंगली भेड़िए बहुत तेज सरपट दौड़ते हैं लेकिन इनसे बच पाना हर किसी के बसकी बात नहीं है!!


लोमड़ी - पर ये मुझे न पकड़ पाएंगे! मैं तो इनसे बचने के अनेकों तरीके जानती हूं।


बिल्ली - कौन कौन से तरीके जानती हो तुम बहन??


लोमड़ी - मैं तो कभी कांटेदार झाड़ियों में छिप जाती हूं या फिर घने जंगल में चली जाती हूं। ये तो कुछ भी नहीं मेरे पास और भी बहुत तरीके हैं!!!


बिल्ली - अच्छा… लेकिन मेरे पास तो बस एक ही तरीका है!!!


लोमड़ी - ओह ओ!! बस एक ही तरीका (हंसते हुए) ये तो बड़े दुख की बात है!!! अच्छा भला कौन सा तरीका है वो??


बिल्ली - अरे बताना क्या मैं वो करके ही दिखा देती हूं बिल्ली फटाफट पेड़ पर चढ़ जाती है। इतने में अचानक खतरनाक खूंखार जंगली भेड़िए आ जाते हैं…


लोमड़ी की वाट लग जाती है वो दुम दबाकर सरपट भागती है और अपने हरेक तरीके को अजमा लेती है लेकिन भेड़िए उसे अपना शिकार बना ही लेते हैं।


सीख

(Moral Of The Short Story)


  • लक्ष्य एक होगा तो अच्छा है बहुत सारे लक्ष्य होंगे तो लोमड़ी की तरह उलझ जाओगे।
  • अनेक तरकीबों को अजमाने से अच्छा है एक तरकीब पर ही भरोसा किया जाए। 



#2 बादाम किसको मिला

(Short Moral Story In Hindi)


एक दिन गोलू और मोलू दोनों सड़क के किनारे से जा रहे थे। तभी उन दोनों को रास्ते में गिरा हुआ एक बादाम दिखाई पड़ा।


अब ये क्या!!! गोलू मोलू दोनों बादाम लेने के लिए दौड़ पड़े!!


बादाम गोलू के हाथ लगा अब मोलू कहे बादाम मेरा है…दोनो मानने को तैयार नहीं!! 


गोलू कहता बादाम मेरा है क्योंकि सबसे पहले मैंने इसे उठाया है। वही मोलू कहता बादाम मेरा है क्योंकि सबसे पहले मेरी नज़र इस पर पड़ी थी!!


वहां चलाक सोनू उन दोनों की इस बचकानी हरकतों को देखकर खूब खुश हो रहा था!!


सोनू उनके पास जाता है और कहता है लाओ मुझे दो बादाम। मैं तुम दोनों का झगड़ा निपटा देता हूं...


सोनू बादाम को फोड़ता है और उस बादाम के आधे आधे टुकड़े गोलू मोलू को पकड़ा देता है और गिरी अपने मुंह में रखकर कहता है ये मेरी क्योंकि मैंने तुम्हारा झगड़ा सुलझाने में मदद की है।


सीख

(Moral Of Motivational Story)


  • दो लोगों के झगड़े में तीसरा फायदा उठा लेता है।
  • झगड़ों में कुछ नहीं रखा इसलिए हमें मिल जुलकर रहना चाहिए।


#3 बदसूरत ऊंट

(Moral Story In Hindi For Kids)


जंगल में एक ऊंट हर दम दूसरे जानवरों की कमियां ही निकालता रहता था। उसे दूसरों की खिल्ली उड़ाने में खूब मजा आता था। सारा दिन ऊंट ये ही काम करता रहता था।


एक बार ऊंट भैंस से कह रहा तुम्हें बनाकर तो भगवान ने जरूर बहुत बड़ी शैतानी की है इसलिए तो तुम्हें काली कलूटी बनाया है और फिर ऊपर से तुम्हारे ये टेढ़े मेढ़े सिंग इससे तो तुम और भी ज्यादा भद्दी दिखती हो!!


हाथी को देखकर ऊंट कहता तुम तो एक नंबर के कार्टून दिखते हो। भगवान जब हंसी ठिठोली कर रहे होंगे तुम्हें जब बनाया गया होगा। एक तो तुम्हारा भारी भरकम विशाल शरीर और फिर पूंछ जरा सी, कान इतने बड़े बड़े और आंखे छोटी छोटी। ऐसा कहकर ऊंट जोर जोर से हंसने लगता है।


तोते से कहता है देखो इस पिद्दी की चोंच तो टेड़ी मेड़ी लाल है और जब देखो मीठा मीठा बकता रहता है।


इसी तरह ऊंट सबका मजाक उड़ाता रहता!!!


एक बार ऊंट का पाला लोमड़ी से पड़ गया!!


इससे पहले कि ऊंट कुछ कहता लोमड़ी बोलने लगी ओ कुबड़ी ऊंट भैया अपनी इन गंदी आदतों को सुधार ले। कभी तुमने अपने को आईने में देखा है कैसे बदसूरत से दिखते हो। लंबा सा बांस सा तो तुम्हारा चेहरा है और पीले पीले सड़े हुए दांत है और तुम्हारी पीठ पर भद्दा सा कुबड़ जैसे मानो पता नही किसका गोबर लिए घूम रहे हो तुम।


ये बाते सुनकर ऊंट की गर्दन शर्म के मारे झुक गई और उसे अपनी गलती पर पछतावा होने लगा।


सीख

(Moral Of The Short Story)


  • दूसरो में कमी ढूंढने से अच्छा है पहले अपनी गलतियों पर नजर डाली जाए।
  • बोलने से पहले हम एक बार जरुर ये विचार कर ले कि हम क्या बोलने जा रहे हैं।


#4 अच्छाई का फल

(Motivational Story In Hindi)


राजा भानूमल को प्राकृतिक चित्रकारी बनाने का बहुत शौक था। वो नई नई जगह पर जगह गजब गजब की पेंटिंग बनाया करते थे।


ऐसे ही एक बारी सूरजमल के पहाड़ों की चोटी पर जाकर वो चित्रकारी कर रहे थे। राजा भानूमल अपनी पेंटिंग में एक दम खो जाते थे।


दूर पास से चित्र एक दम असली दिखे इसलिए ये जानने के लिए राजा भानूमल एक एक कदम पीछे जाकर बार बार देख रहे थे कि दूर से देखने पर पेंटिंग असली लग रही है कि नहीं।


राजा भानूमल अपने कदम इतने पीछे बढ़ा चुके थे कि घाटी के अंतिम छोर तक उनके कदम जा पहुंचे थे। राजा अगर अब एक कदम भी पीछे लेते तो खाई में गिरने से उनकी मौत निश्चित थी!!!


दूर से ही एक गडरिया ये सब देख रहा था। गडरिया दौड़ता दौड़ता राजा भानूमल के पास पहुंचा और राजा को आगे की तरफ धक्का दे दिया लेकिन उसकी छड़ी से राजा की तस्वीर फट गई।


राज आग बबूला हो गया। मूर्ख तूने मेरी पेंटिंग फाड़ दी!! पता है तुझे इसे बनाने में मुझे कितनी देर लगी है। तूने कुछ ही मिनटों में मेरी सारी मेहनत खराब कर दी। मैं तुझे नहीं छोडूंगा मैं तुम्हें इस अपराध के लिए मृत्यदंड दूंगा।


गडरिया बड़ी ही विनम्रता से बोला राजा साहब अगर मैं ऐसा नहीं करता तो आप मर जाते!!! एक बार जरा आप पीछे मुड़कर तो देखो!!!


राजा ने जैसे ही पीछे मुड़कर देखा वो एक दम भौकला गया। अरे!! मैं तो सच में मारा जाता भाई!!!


मैंने तुम्हें फालतू में ही इतना बुरा भला सुना दिया मुझे माफ कर दो भाई। बाद में राजा भानूमल ने उस गडरिए को ईनाम के तौर पर अपना प्रधानमंत्री बना लिया।


सीख

(Moral Of The Short Story)


  • अच्छाई का फल हर दम अच्छा ही होता है।
  • काम को शिद्दत से करना अच्छी बात है लेकिन अपने आस पास के माहौल का भी हमें ध्यान रखना चाहिए।


#5 बुद्धिमान कौन है

(Short Story In Hindi)


गोलू और मोलू को सक्सेना जी के ऑफिस में काम करते हुए 10 साल होने वाले थे लेकिन इतने साल बीतने के बाद भी सक्सेना जी ने उनकी सैलरी जरा सी भी नहीं बढ़ाई थी।


दोनों को दस सालों से हर महीने 5 हजार रूपए पगार मिल रही थी। 


अब सक्सेना जी के ऑफिस रूल के हिसाब से गोलू और मोलू में से किसी एक की सैलरी के बढ़ने का समय आ गया था।


सक्सेना जी ने काफी सोचने के बाद दिमाग लड़ाया और दोनों को एक एक कुल्हाड़ी पकड़ाते हुए ऑफिस के बाहर लगे दो पेड़ो को काटने का आदेश दिया!!!


और कहा कि जो पहले पेड़ को काट देगा उसकी सैलरी दस हजार हो जाएगी!!!


अब दोनों अपने अपने पेड़ को काटने में लग जाते हैं!!


2 घंटे बितने के बाद भी पेड़ थोड़ा सा ही कटता है। 


अब गोलू अपना दिमाग दौड़ाता है और पानी पीने का बहाना लगाकर थोड़ी सी दूर जाकर अपनी कुल्हाड़ी को धार देने में एक घंटा लगा देता है जब उसकी कुल्हाड़ी एक दम धार वाली हो जाती है तब वो पेड़ काटने के लिए वापिस आता है!!!!


ये क्या गोलू के 10 से 12 प्रहार में ही पेड़ कट जाता है।


इस प्रकार गोलू और मोलू के मुकाबले में गोलू जीत जाता है।


सक्सेना जी गोलू का प्रमोशन कर देते हैं।


सीख

(Moral Of The Short Story)


  • मेहनत और बुद्धि के मुकाबले में हमेशा बुद्धि की जीत होती है।
  • आज का जमाना हो, चाहे पुराना जमाना हो स्मार्टवर्क वाला हार्डवर्क वाले से हरेक जमाने में जीता है।


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