अभी मानवता बची हुई है

अभी मानवता बची हुई है

क्या इस दुनिया में अभी भी मानवता बची हुई है, क्या सुमित की इस गोल दुनिया में कोई मदद करेगा? इन सवालों के जवाब और उनसे बेहतरीन प्रेरणा मिलेगी इस शानदार कहानी में।


अभी मानवता बची हुई है
(Motivational Story In Hindi)


सुरेश काफी गरीब लड़का था, उसका जन्म एक बेहद ही गरीब परिवार में हुआ था। रमेश जब 12 साल का था तब उसके पिताजी की मृत्यु हैजा के कारण हो गई थी।


घर में पिताजी के देहांत के बाद सारी जिम्मेदारी अब सुरेश के कंधों पर आ गई थी। सुरेश ने पढ़ाई के साथ साथ गुब्बारे, खिलौने बेचना भी शुरू कर दिया था। 


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जब उसकी स्कूल से छुट्टी होती तो वह घर घर जाकर अपना समान बेचा करता था लेकिन इस काम से घर का गुजर बसर बड़ी ही मुश्किल से चल पाता था। कभी कभी सुरेश, तो कभी उसकी माताजी रात का खाना खाए बगैर ही सो जाते थे ताकि उसकी छोटी बहन अच्छे से खाना खा सके।


अब घर में हालात दिन पर दिन बद से बदतर होते जा रहे थे। सुरेश का समान भी बिकना बंद हो गया था या बिक भी रहा था तो नाम मात्र का। 


सुरेश जब स्कूल से छुट्टी के बाद समान बेचने के लिए घर घर भटक रहा था तब उसे बहुत तेज भूख लग रही थी, और उस टाइम उसकी जेब में एक फूटी कौड़ी भी नहीं थी। 


उसने सोचा कि चलो मैं किसी घर पर जाकर खिलौनों के बदले खाना ले लूंगा l ऐसे ही वो एक घर पर जाता है और दरवाजा एक सिमरन नाम की लड़की खोलती है। 


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सुरेश की मानो जीभ लड़खड़ा सी जाती है और वो उस लड़की से एक गिलास पानी मांगता है।


जब सिमरन उसके लिए पानी ला रही होती है तो वो उसकी हालात को देखते हुए सोचती है, इसको काफी भूख लग रही होगी जब ही इसकी ऐसी हालत हो रखी है।


सिमरन उसके लिए दो रोटी और सब्जी बनाकर ले आती हैं। सुरेश जब उसकी खाने की थाली लाते हुए देखता है तो वो उसके बदले अपने खिलौने को लेने के लिए कहता है लेकिन सिमरन मना कर देती है।


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सुरेश सोचता है कहीं न कहीं अभी भी इस दुनिया में मानवता बची हुई है। सुरेश हृदय से उसको शुक्रिया अदा करता है।


रोटी खाने के बाद वो घर आ जाता है। ऐसे ही अपने संघर्षों के बलबूते वो एक बड़ा डॉक्टर बन जाता है।


एक लड़की का बुरी तरह गाड़ी से एक्सीडेंट हो जाता हैं और उस लड़की को हॉस्पिटल ले जाया जाता है, जहां सुरेश उस लड़की का इलाज करने के लिए अपनी टीम के साथ जाता है।


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जब सुरेश देखता है कि ये तो सिमरन है तब वो और एक्सपर्ट डॉक्टर को बुलाता है और अपनी पूरी जी जान लगा देता है और आखिर में सिमरन की जान बचा लेता है।


लेकिन, सिमरन के इलाज पर बहुत ज्यादा खर्चा आ जाता है और उसका बिल भी काफी लंबा चौड़ा बन जाता है, जब बिल सिमरन के पास आता हैं तो उसमें बड़ा सा थैंक यू लिखा होता है और नीचे लिखा होता हैं अगर आपने मुझे उस दिन रोटी नहीं खिलाई होती तो शायद आज मैं डॉक्टर नहीं होता और सिमरन का सारा बिल सुरेश भर देता है।


सिमरन सुरेश को थैंक यू बोलती है और उसका हृदय से धन्यवाद करती है और सिमरन सोचती है कहीं न कहीं अभी भी इस दुनिया में मानवता बची हुई है।


सीख

(Moral Or The Story)


हमारे अंदर एक दूसरे की मदद करने का भाव होना चाहिए। हमारी आज की हुई मदद कल कब में को काम आ जाए कुछ कह नहीं सकते। हमारे द्वारा की गई अच्छाई से अच्छाई हमारे ही पास घूमकर आती है और हमारे द्वारा की गई बुराई से बुराई हमारे पास घूमकर आती है।



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