लियो टॉलस्टाय | Leo Tolstoy Biography In Hindi

लियो टॉलस्टाय | Leo Tolstoy Biography In Hindi

लियो टॉलस्टॉय का जन्म 1828 में रूस में हुआ था। बचपन में ही इनके माता-पिता का निधन हो गया 


लियो टॉलस्टाय (1880-1910)

(Leo Tolstoy Biography In Hindi)


लिओ टॉलस्टॉय विश्व के महानतम साहित्यिक व्यक्तित्वों में से हैं। उन्होंने कृषि व सामाजिक समस्याओं का अध्ययन किया। 


लिओ टॉलस्टॉय कृषि और सामाजिक समस्याओं से जुड़े विषयों पर बड़े ही रोचक लघु निबंध लिखते थे। 


जो लोगों पर काफी प्रभावकारी सिद्ध होते थे।


उनके 3 उपन्यासों वॉर एंड पीस, अन्ना कैरेनिना और रिसरैक्शन ने टॉलस्टॉय को महान दार्शनिक लेखक बना दिया। 


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ये 3 उपन्यास उनके करियर को चरम उत्कर्ष पर पहुंचाने में बहुत ही महत्वपूर्ण सिद्ध हुए।


चाचा ने उनका पालन पोषण किया। पढ़ने के लिए उन्हें कजान भेज दिया। 


बचपन में उनमें महानता का कोई चिह्न दिखाई नहीं दिया। युवा होकर वह सेना में भर्ती हो गए। 


1856 में टॉलस्टॉय ने सेना से इस्तीफा दे दिया और लेखन में कैरियर बनाना शुरू कर दिया। 


टोलस्टोय की लघु कहानियां प्रकाशित हुई, जिनके कारण उन्हें आम पाठकों और समीक्षकों से खूब सराहना मिली।


34 साल की उम्र में टॉलस्टॉय ने 18 साल की एक युवती से शादी कर ली। 


उनकी पत्नी उनके प्रति समर्पित थी। उसने घर की जिम्मेदारी अपने ऊपर ले ली, जबकि टॉलस्टॉय ने खुद को पूरी तरह से लेखन के लिए समर्पित कर दिया। 


टॉलस्टॉय ने शुरू में चाइल्डहुड, बॉयहुड और यूथ जैसी प्रसिद्ध रचनाएं लिखी। 


धीरे धीरे टॉलस्टॉय का साहित्य बहुत प्रसिद्ध होने लगा 


क्योंकि टॉलस्टॉय द्वारा लिखा गया साहित्य मानव भावनाओं को अभिव्यक्त करने का माध्यम था।


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इस साहित्य में हर दौर और हर देश के लोगों को आकर्षित करने की बहुत ही गहरी ताकत थी।


टॉलस्टॉय के वॉर एंड पीस को उनकी सर्वश्रेष्ठ कृति माना जाता है। 


यह नेपोलियन के रूस पर आक्रमण की पृष्ठभूमि पर लिखा गया और इसे पूरा होने में 8 साल का समय लगा था। 


इसमें रूस के विभिन्न वर्गों की प्रतिक्रियाओं और दृष्टिकोण का बड़ी गहराई से वर्णन किया गया है। 


साथ ही युद्ध के दार्शनिक और नैतिक पहलुओं को भी प्रस्तुत किया गया है।


उन्होंने अपनी जीवनी भी लिखी, जिसमें अपने जीवन और दर्शन का वर्णन किया है। 


अंतिम दिनों में, उन्होंने एकाकी जीवन जिया।


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