सुनील गावस्कर : लिटिल मास्टर | Sunil Gavaskar Biography In Hindi

सुनील गावस्कर : लिटिल मास्टर | Sunil Gavaskar Biography In Hindi

एक व्यक्ति जिसका नाम सुनील गावस्कर है, भारतीय क्रिकेट के क्षितिज पर उभरा


'लिटिल मास्टर' नाम से गावस्कर को बाद में जाना गया। उन्होंने भारतीय क्रिकेट का चेहरा ही बदल दिया


उनका दर्शनीय क्रिकेट करियर एक धमाके के साथ शुरू हुआ 



सुनील गावस्कर : लिटिल मास्टर 

(Sunil Gavaskar Biography In Hindi)


वेस्टइंडीज (1971 में) के विरुद्ध अपनी पहली ही टेस्ट सीरीज में उन्होंने 774 रन बनाए और जल्दी ही भारत में क्रिकेट प्रेमियों के लिए राष्ट्रनायक बन गए। 


उनमें वह आकर्षण और योग्यता थी कि अपने आलोचको से हथियार डलवा लेते थे। अपने उत्कृष्ट प्रदर्शनों के कारण गावस्कर ने कई मैन ऑफ द मैच जीते। 


वह 1983 में विश्व कप जीतने वाली टीम के सदस्य थे। 

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1985 में ऑस्ट्रेलिया में हुए विश्व चैंपियन प्रतियोगिता मैच में अपने नेतृत्व में भारत को विजय दिलाई। 


1980 में उन्हें 'विजडन क्रिकेटर ऑफ द ईयर' के रूप में नामित किया और भारत सरकार द्वारा पदम भूषण से सम्मानित किया गया। 


उन्होंने मुंबई के शरीफ के रूप में अपनी सेवाएं दी। अपनी आत्मकथा सनी डेज भी लिखी। 

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सुनील गावस्कर को क्रिकेट अपने परिवार से विरासत में मिला था। उनके पिता अपने समय के अच्छे क्लब क्रिकेटर थे। गावस्कर का क्रिकेट के प्रति जो जुनून था, उसे उनकी मां ने एक उचित दिशा दी। 


जब वह बहुत छोटे थे, अपनी मां के साथ अपार्टमेंट की गैलरी में क्रिकेट खेलते थे। 


शुरुआत से ही उन्होंने भविष्य के एक अच्छे क्रिकेटर बनने की संभावना दिखाई थी। 


गावस्कर की क्रिकेट के प्रति दीवानगी इतनी थी कि जब भी वह आउट होते, तो गेंद और बल्ला लेकर घर वापस आ जाते जिससे खेल खत्म हो जाता। 


क्योंकि उनके आस पड़ोस में किसी के पास गेंद और बल्ला नहीं था। 


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